Unveiling Zilingo's Leadership Crisis: Ankiti Bose's FIR Against Dhruv Kapoor

Allegations of Sexual Harassment Rock Zilingo: Ankiti Bose vs. Dhruv Kapoor

यौन उत्पीड़न के आरोप रॉक ज़िलिंगो, अंकिति बोस बनाम ध्रुव कपूर

A storm has engulfed Zilingo, the once-prominent Singapore-based fashion startup, as Ankiti Bose, its co-founder, has levied serious accusations against her former colleagues, Dhruv Kapoor and Aadi Vaidya. The allegations span a range of offenses, including cheating, fraud, criminal intimidation, and sexual harassment.

एक समय के प्रमुख सिंगापुर स्थित फैशन स्टार्टअप ज़िलिंगो में तूफ़ान आ गया है, क्योंकि इसकी सह-संस्थापक अंकिति बोस ने अपने पूर्व सहयोगियों, ध्रुव कपूर और आदि वैद्य पर गंभीर आरोप लगाए हैं। आरोपों में धोखाधड़ी, धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और यौन उत्पीड़न सहित कई प्रकार के अपराध शामिल हैं।

The Allegations

In a police complaint filed by Ankiti Bose, she details the disturbing conduct she endured while working alongside Kapoor and Vaidya. The accusations include instances of cheating, fraudulent activities, intimidation, and sexual harassment, prompting the authorities to register a case against the accused under relevant sections of the Indian Penal Code.

आरोप

अंकिति बोस द्वारा दर्ज की गई एक पुलिस शिकायत में, उन्होंने कपूर और वैद्य के साथ काम करने के दौरान अपने साथ हुए परेशान करने वाले आचरण का विवरण दिया है। आरोपों में धोखाधड़ी, कपटपूर्ण गतिविधियाँ, धमकी और यौन उत्पीड़न के मामले शामिल हैं, जिसके कारण अधिकारियों को भारतीय दंड संहिता की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ा।

Legal Proceedings

While the Mumbai police have registered the case, Dhruv Kapoor and Aadi Vaidya are yet to be summoned. The charges against them carry severe consequences, being non-bailable offenses that could result in up to five years of imprisonment.

कानूनी कार्यवाही

हालांकि मुंबई पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन ध्रुव कपूर और आदी वैद्य को अभी तक समन नहीं किया गया है। उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के गंभीर परिणाम होंगे, ये गैर-जमानती अपराध हैं और इसके परिणामस्वरूप पांच साल तक की कैद हो सकती है।

Company's Downfall

Zilingo, once a shining star in the startup world, now faces a tumultuous downfall. Ankiti Bose's tenure as CEO ended amidst allegations of financial impropriety, ultimately leading to the company's liquidation in January 2023.

कंपनी का पतन

कभी स्टार्टअप जगत का चमकता सितारा रहे ज़िलिंगो को अब भारी गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। सीईओ के रूप में अंकिति बोस का कार्यकाल वित्तीय अनियमितता के आरोपों के बीच समाप्त हो गया, जिसके कारण अंततः जनवरी 2023 में कंपनी का परिसमापन हुआ।

Details of Allegations

Bose's FIR paints a grim picture of her experience at Zilingo. She accuses Kapoor and Vaidya of misleading investors, manipulating company data, and subjecting her to various forms of harassment, including lewd messages and threats to tarnish her reputation. Additionally, the complaint alleges instances of sexual harassment, citing inappropriate behavior by Kapoor during a private meeting.

आरोपों का विवरण

बोस की एफआईआर ज़िलिंगो में उनके अनुभव की एक गंभीर तस्वीर पेश करती है। उन्होंने कपूर और वैद्य पर निवेशकों को गुमराह करने, कंपनी के डेटा में हेरफेर करने और भद्दे संदेशों और उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल करने की धमकियों सहित विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न का आरोप लगाया। इसके अतिरिक्त, शिकायत में एक निजी बैठक के दौरान कपूर द्वारा अनुचित व्यवहार का हवाला देते हुए यौन उत्पीड़न की घटनाओं का आरोप लगाया गया है।

Denial and Counterclaims

In response to the allegations, Dhruv Kapoor vehemently denies any wrongdoing, labeling Bose's accusations as "baseless" and "retaliatory." He asserts that an investigation had previously uncovered misconduct by Bose, leading to her termination from the company. Kapoor maintains his integrity throughout his tenure at Zilingo, emphasizing his commitment to ethical conduct and professional relationships.

इनकार और प्रतिदावा

आरोपों के जवाब में, ध्रुव कपूर ने बोस के आरोपों को "निराधार" और "प्रतिशोधात्मक" करार देते हुए किसी भी गलत काम से सख्ती से इनकार किया। उनका दावा है कि एक जांच में पहले बोस के कदाचार का खुलासा हुआ था, जिसके कारण उन्हें कंपनी से बर्खास्त कर दिया गया था। कपूर ने ज़िलिंगो में अपने पूरे कार्यकाल के दौरान नैतिक आचरण और पेशेवर रिश्तों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए अपनी ईमानदारी बनाए रखी।

Conclusion

As the legal battle unfolds and the allegations reverberate through the startup community, the case of Ankiti Bose vs. Dhruv Kapoor shines a spotlight on the pervasive issue of workplace harassment and the challenges faced by women in male-dominated industries. The outcome of this case will not only impact the individuals involved but also serve as a crucial moment for the broader conversation on accountability and justice in the workplace.

निष्कर्ष

जैसे-जैसे कानूनी लड़ाई सामने आती है और स्टार्टअप समुदाय में आरोपों की गूंज सुनाई देती है, अंकिति बोस बनाम ध्रुव कपूर का मामला कार्यस्थल पर उत्पीड़न के व्यापक मुद्दे और पुरुष-प्रधान उद्योगों में महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालता है। इस मामले के नतीजे न केवल इसमें शामिल व्यक्तियों को प्रभावित करेंगे बल्कि कार्यस्थल में जवाबदेही और न्याय पर व्यापक बातचीत के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में भी काम करेंगे।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Popular Items